आपका टोटल स्टेट

प्रिय साथियों, पिछले दो वर्षों से आपके अमूल्य सहयोग के द्वारा आपकी टोटल स्टेट दिन प्रतिदिन प्रगति की ओर अग्रसर है ये सब कुछ जो हुआ है आपकी बदौलत ही संभव हो सका है हम आशा करते हैं कि आपका ये प्रेम व उर्जा हमें लगातार उत्साहित करते रहेंगे पिछलेे नवंबर अंक में आपके द्वारा भेजे गये पत्रों ने हमें और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित किया व हमें हौसलां दिया इस बार दिसंबर अंक पर बहुत ही बढिय़ा लेख व आलेखों के साथ हम प्रस्तुत कर रहें हैं अपना अगला दिसंबर अंक आशा करते हैं कि आपको पसंद आएगा. इसी विश्वास के साथ

आपका

राजकमल कटारिया

Raj Kamal Kataria

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May Edition of 2010





आजकल आए दिन नई-नई मल्टीनेशनल कंपनियां स्थापित हो रही हैं. ऐसी जगहों पर वकीलों की आवश्यकता होती है और जितनी बड़ी कंपनी, आमदनी और रुतबा भी उतना ही बड़ा. आज जब हम ऐसी नौकरी की बात करते हैं जिसमें मन मुताबिक काम करने की पूरी आजादी हो और उस नौकरी का एक रुतबा भी हो तो ऐसे में वकालत एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
पर या आपको नहीं लगता कि इसके लिए कानून की जानकारी होने के अलावा एक लीगल प्रशिक्षण की भी आवश्यकता पड़ती है? एक अच्छा लॉ स्कूल ढूंढकर डिग्री पा लेने से हर कोई वकील नहीं बन सकता. एक लॉ स्कूल मं आपको कानून संबंधी तमाम पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी, विधि संबंधी गेस्ट फैकल्टी आपके साथ अपने अनुभव भी बताएंगी. परंतु इतना पर्याप्त नहीं है.
सबसे पहले आप स्वयं विश्लेषण करें कि आप अपने लिए एक लीगल करियर को ही यों चाहते हैं? इंजीनियरिंग, शिक्षा, चिकित्सा, एमबीए या अन्य कोई क्षेत्र यों नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं कि फिल्में या नाटक देखकर ही वकीलों की छवि से प्रभावित होकर आपने यह निर्णय लिया? कानून और विधि उन लोगों के लिए एक बेहतरीन क्षेत्र है जिन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ पढ़ना, लिखना और बोलना पसंद है.
आपको घंटों काम करना पड़ सकता है और कानूनी दांव-पेंचों पर सर खपाना पड़ सकता है. परंतु इस काम के लिए आपको काफी सावधानी बरतनी होती है. आजकल नई-नई मल्टीनेशनल कंपनियां स्थापित हो रही हैं. ऐसी जगहों पर वकीलों की आवश्यकता होती है और जितनी बड़ी कंपनी, आमदनी और रुतबा भी उतना ही बड़ा. भारत में लीगल शिक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा संचालित होती है.
लॉ के कोर्स के बाद या तो आप कोई कानूनी संस्था से जुड़ सकते हैं या स्वतंत्र रूप से अपनी प्रेटिस कर सकते हैं या फिर किसी उद्योग इकाई से जुड़कर उनके निजी वकील का कार्यभार संभाल सकते हैं. एलएल.बी का अर्थ अपराध से जुड़े मामलों का वकील बनना ही नहींहै. इस कोर्स के बाद आप बिजनेस लॉ, कार्पोरेट लॉ, इनवायरनमेंटल लॉ, पेटेंट लॉ, टैस लॉ, इंटरनेशनल लॉ, रीयल एस्टेट लॉ, लेबर लॉ, साइबर लॉ आदि में भी मजबूत स्थिति बना सकते हैं.
वर्तमान परिपेक्ष्य में स्थितिः
ख्००स्त्र-०त्त्के आंकड़ों के मुताबिक लॉ स्कूलों से जो ग्रेजुएट हुए लोगों को विभिन्न संस्थाओं में फ्० हजार से क् लाख रुपए प्रतिमाह तक की आय पर नियुत किया गया. इस वर्ष के आंकड़े और अधिक बेहतर स्थिति दर्शाते हैं. एक फ्रेशर भी अपने आत्मविश्वास के बल पर ये डिग्री हासिल करके अच्छा वेतन पा सकता है.
इंडिया एक कॉमन लॉ देश है जिसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां की कानून प्रणाली अन्य देशों की प्रणाली से मेल खाती है. जिस वजह से भारत में लॉ की डिग्री प्राप्त कर आप विदेश में भी अच्छी नौकरी पा सकते हैं. सिंगापुर, मलेशिया जैसे स्थानों पर भारतीय वकीलों की मांग लगातार बढ़ रही है.
बस कानूनी दांव-पेंच में थोड़ा संभलकर चलने की जरूरत है. अगर आपको कानून की धाराएं मुंह जुबानी याद हो जाएं और तार्किक शति में इजाफा कर आप एक अच्छे वकील बन जाएं तो म् अंकों की सैलरी बहुत आसानी से पा सकते हैं. (साभार वेबदुनिया डॉट कॉम)