रामसर में स्थापित होगा रूखमों बाई माण्ड गायिकी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र
रूखमों की हार्दिक इच्छा थी कि थार में माण्ड गायिकी की परम्परा को आगे बढ़ाया जाए. उम्र के अन्तिम पड़ाव में रूखमों बाई द्वारा प्रयास कर कुछ कलाकारों को माण्ड गायिकी सिखाना आरम्भ भी किया मगर शरीर ने साथ नही दिया. अलबत्ता रूखमों की बहू हनीफा ने माण्ड गायिकी के कुछ गुर जरूर सीखे.
थार की लता के रूप में ख्यातनाम रही माण्ड गायिका स्व. रूखमों बाई की अन्तिम इच्छा एवं सपना श्री कृष्णा संस्था बाड़मेर पूरा करेगी. संस्था रामसर में रूखमों बाई माण्ड गायिकी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र स्थापित करेगी. इसके लिए तैयारिया आरम्भ कर दी हैं. इस केन्द्र में माण्ड गायिकी की शिक्षा लोक कलाकारों को प्रदान कर थार की लोक कला और संस्कृति को संरक्षित रखने के प्रयास किए जाएंगे.
अनुसंधान तथा प्रशिक्षण केन्द्र में स्थानिय मांगणियार लोक कलाकारों सहित माण्ड सीखने के इच्छुक प्राथियों को भी माण्ड गायिकी सिखाई जाएगी. प्रशिक्षण केन्द्र का मुख्य उद्देश्य थार की सांस्कृतिक लोक परम्परा तथा गायिकी का संरक्षण करना ताकि विश्व भर के लोक संगीत प्रेमियों के बीच थार के लोक गीत संगीत की जो पहचान कायम हुई हैं वो बरकरार रहे. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने तथा सहयोग के लिए जिला कलेक्टर श्री गौरव गोयल को ज्ञापन देकर उनसे इस सम्बन्ध में चर्चा भी की गई. इस सम्बन्ध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय को भी सहयोग के लिए निवेदन किया गया हैं .
रामसर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने के प्रयास पुरजोर तरीके से किऐ जा रहे हैं. इस कार्य के लिए थार के लोक संगीत प्रेमियो का सहयोग अपेक्षित हैं. उन्होंने बताया कि जल्द राज्य स्तरीय कमेटी का गठन करके इसे मूर्त रूप दिया जाएगा. ताकि रूखमों बाई का माण्ड गायिकी के सरंक्षण के लिऐ देखा सपना साकार हो सके. इस पावन कार्य में प्रवासी,अप्रवासी समस्त राजस्थानी संगीत प्रेमी किसी तरह की मदद करना चाहे तो उनका स्वागत हैं. राजस्थान की लोक संस्कृति और कला के सरंक्षण के लिए आप भी आगे आए. दिल खोल कर मदद करें ताकि एक गरीब किन्तु महान लोक गायिका का सपना पूरा हो सके.
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