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राजकमल कटारिया

Raj Kamal Kataria

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Friday, 28 October 2011

अन्ना पर अभिभूत है पाकिस्तानी मीडिया!


अर्जुन शर्मा  

भारत में चल रही अन्ना की आंधी की हवाएं सीमा पार पाकिस्तानी मीडिया में भी पहुंच चुकी हैं. पाकिस्तान का अंग्रेजी मीडिया अन्ना के आंदोलन को पूरा महत्व दे रहा है.
भारत में चल रहे जन आंदोलन को लेकर पाकिस्तानी मीडिया के लोग मानों ये कहने को बेताब हैं कि काश... देश में भ्रष्टाचार जैसी समस्या को लेकर पाकिस्तान के लोग भी ऐसे ही एकजुट हों! काश पाकिस्तान में भी कोई अन्ना हजारे हो! काश... भारत की तरह पाकिस्तान की जनता को भी इस कदर सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने की इजाजत मिल सके!
पाकिस्तान की एक प्रसिद्ध अखबार ने जहां अन्ना हजारे की जीवनी चार कॉलम में प्रकाशित कर उनके जन्म से लेकर अब तक की उपलब्धियों को पूरे विस्तार से प्रकाशित किया है वहीं अन्ना की गिरफ्तारी व अब तक घटित सारे घटनाक्रम को करीब एक चौथाई पन्ने का स्पेस दिया है.  पाकिस्तान के सबसे बड़े मीडिया घराने जंग के अंग्रेजी व एक अन्य अखबार ने अन्ना पर न केवल बहुत सारी सामग्री प्रकाशित की है वहीं मुख्य संपादक शकील-उर-रहमान ने भारत में चल रहे अन्ना के अनशन पर संपादकीय भी लिखा है. उनके संपादकीय को पढ़ कर पाकिस्तान के इस वरिष्ठ पत्रकार के जेहन में भारत व पाकिस्तान में तुलनात्मक अध्ययन व पाकिस्तान की दशा पर उनके मन की पीड़ा का पता चलता है. वे लिखते हैं, 'भारत में इतने बड़े जन-आंदोलन से हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए. इस प्रकार व्यवस्था में व्याप्त बुराईयों के खिलाफ खड़े होना आज की सबसे बड़ी जरूरत है व आज के पाकिस्तान में भी ऐसा हो यह समय की मांग है. अन्ना हजारे जैसे व्यक्ति ने भारत में जो मिसाल पैदा की है व भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने का जो बीड़ा उठाया है उसमें उनकी सफलता के प्रतिशत को लेकर चाहे कोई मतभेद भी हो पर भारत की जनता ने इस आंदोलन के साथ जुड़ कर जिस प्रकार अपनी आवाज बुलंद की है उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए.
इसी प्रकार बाकी अखबारों में भी अन्ना के अनशन को पूरा स्थान मिला है.

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