बाडमेर पश्चिम राजस्थान का सीमावर्ती जिला बाडमेर अपनी लोक कला और संस्कृति के लिऐं जाना जाता हैं। यह सीमावर्ती जिला अपने खास खान ,पान,रहन-सहन और जिन्दा दिल्ली के लियें भी खास तौर से जाना जाता हैं। इस जिले के लोग अपनी शारीरिक बनावट,कद काठी के लिये मशहूर हैं। इस सीमावर्ती जिले के रामसर तहसील के अजबानी गांव कें निवासी हमला पुत्र जीया नें 123 बसंत पार कर लिऐं सम्भवत: हमला राजस्थान में सबसे अधिक आयु का जिन्दा व्यक्ति हैं। लगभग 253 सदस्यों कें परिवार का मुखिया हमला इस उम्र में भी बहुत जिन्दा दिल हैं। इसी क्षैत्र में दो महिला सहित चार शतकवीर हैं।इनमें से एक क्षेत्रिय विधायक की माताफातमा पत्नी दीना खान 106 साल,चनेसर खान 113 साल निवासी लाखेटाली हैं।वहीं 108 साल की श्रीमति वलिया पत्नी अदरीम निवासी सियाई तो आज भी घर के कामकाज निपटा रही हैं।जिला मुख्यालय सें लगभग 70 किलोमीटर दूर रामसर तहसील के गांव अजबानी से एक किमी दूर एक ढाणी के झोंपडे के बाहर खाट पर एक बुजुर्ग बैठा हैं।हाथ में लाठी लिऐं बकरियों को चरा रहा हैं।ये हैं 123 साल का राजस्थान का सम्भवत: यबसे बुजुर्ग व्यक्ति हमला पुत्र जीया।253 सदस्यों के परिवार का मुखिया हमला की सबसे बडी पुत्री अमरी 85 साल की हैं।अमरी का निकाह पीरे का पार निवासी चिनेसर से 1926 में हुआ था।यह गांव भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान पाकिस्तान के सिन्ध प्रांत में चला गया।आजादी के बाद से हमला अपनी बेटी से नहीं मिला।हमला तीन बेटिया अमरीएहनु और सईदा हैं वहीं तीन पुत्र हैजम,जूमा और आदम हैं ।सबसे बडे पुत्र हैजम की उम्र भी इस वक्त 82 साल हैं।हमला का पड पोता अरबाब 23 साल का हैं।उसका भी निकाह हो रखा है।हमला नें अपनी लम्बी उम्र का राज बताते हूए कहा कि बाडमेर विभाजन से पहले अरब जानें का एक मात्र व्यापारिक रास्ता था।खाने की खूब सामग्री आती थी।खाना शुद्ध होता था।दूध,दही,छाछ,बाजरी , की रोटी या राब खाते नशा नहीं था।उसने बताया कि वह किसी के घर पानी भी नही पीता था।40 की उम्र में निकाह हुआ था।हमला की शरीक ए हयात की 22 साल पहले मृत्यु हो चुकी हैं।हमला ने बताया कि अब उम्र के इस पडाव में काफी कमजोर महसूस कर रहा हैं।हमला का लम्बा चौडा परिवार हैं।इस परिवार में लगभग 253 सदस्य हैं।मजे कि बात हैं कि हमला को वृद्धावस्था पेंशन तक नही मिलती।सरकारी सुविया का तनिक लाभ हमला या उसके परिवार को नही मिला।पूरे क्षैत्र में ईमानदारी के लिऐं हमला जाना जाता हैं।हमला अपना रोजमर्रा का काम काज खुद निपटाता हैं।उसकी इच्छा हें कि 125 वीं सालगिरह पर ख्वाजा साहब की दरगाह की जियारत करें इसके बाद उसे जीने की इच्छा नही।क्षैत्रीय विधायक और पंचायत राज्य मंत्री अमीन खान की माता फातिमा 106 साल की उम्र में दुरूस्त हैं।जिला प्रशासन द्धारा क्षैत्र के इन शतकवीर बुजुर्गो की उपेक्षा की जा रही हैं।जिला कलेक्टर गौरव गोयल नें बताया कि मुझे इन बुजुर्गो के बारे में जानकारी आपसे मिली हे।प्रशासन की ओर से इन्हें पूरा मान सम्मान दिया जाऐंगा।सरकारी सुविधा योग्य हैं,तों नियमानुसार लाभ दिलाया जाएगा।
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प्रिय साथियों, पिछले दो वर्षों से आपके अमूल्य सहयोग के द्वारा आपकी टोटल स्टेट दिन प्रतिदिन प्रगति की ओर अग्रसर है ये सब कुछ जो हुआ है आपकी बदौलत ही संभव हो सका है हम आशा करते हैं कि आपका ये प्रेम व उर्जा हमें लगातार उत्साहित करते रहेंगे पिछलेे नवंबर अंक में आपके द्वारा भेजे गये पत्रों ने हमें और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित किया व हमें हौसलां दिया इस बार दिसंबर अंक पर बहुत ही बढिय़ा लेख व आलेखों के साथ हम प्रस्तुत कर रहें हैं अपना अगला दिसंबर अंक आशा करते हैं कि आपको पसंद आएगा. इसी विश्वास के साथ
आपका
राजकमल कटारिया
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राजकमल कटारिया
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