बाडमेर से चंदन भाटी की रिपोर्ट
भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे राजस्थानी जिले बाड़मेर के ऊंट विश्व में अपनी खास पहचान रखते हैं. रेगिस्तान के जहाज के नाम से मशहूर इन ऊंटों की पशुपालक खास देखभाल करते हैं. एक दशक में ऊंटों की संख्या में काफी कमी आई है. कभी ग्रामीण अंचल में ऊंट घर-घर की जरूरत रहे हैं. रेगिस्तानी धोरों में संचार व यातायात के बेहतर साधनों में ऊंटों का ही उपयोग किया जाता था तो खेतोंं में जुताई का काम भी किसान ऊंटों के माध्यम से ही करते थे.
संचार, यातायात और कृषि के उन्नत साधनों ने ऊंटों का महत्व काफी कम कर दिया. ऊंट कभी पशु मेलों की जान हुआ करते थे और उनकी कीमत लाखों में लगती थी. आज ऊंट मेलों में ऊंट मालिकों को उनकी पर्याप्त कीमत नहीं मिलने के कारण तरह-तरह के जतन करने पड़ रहे हैं. ऊंटों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए अब जगह-जगह ब्यूटी पार्लर खुल गए हैं जहां ऊंटों को सजाया-संवारा जाता है.
डेज़र्ट ब्यूटी पार्लर ऐसा ही सैलून है जहां ऊंटों की विशेष कटिंग की जाती है. सैलून संचालक मगाराम बताते हैं कि ऊंटों की कीमतें कम होने के कारण ऊंट पालकों के सामने आजीविका का भारी संकट खड़ा हो गया है. ऊंट पालक अपने ऊंटों को खास लुक देने के लिए तरह-तरह की कटिंग करवाकर लोगों को आकर्षित करते हैं. इससे कई मर्तबा ऊंट पालकों को अच्छे खरीदार मिल जाते हैं. आजकल ऊंटों के शरीर पर विशेष प्रकार की कटिंग करके टैटू बनाए जाते हैं. मगाराम के मुताबिक यह टैटू लोगों को काफी आकर्षित करते हैं. विशेष प्रकार के टैटू बनाने की कीमत 500 से 700 रुपए तक ली जाती है.
उधर, जैसलमेर में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी ऊंट विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं. राजस्थान में कैमल सफारी की सवारी के लिए बुकिंग हाथों-हाथ हो जाती है, साथ ही किराया भी अच्छा मिलता है. कैमल सफारी का काम करने वाले सादिक खान ने बताया कि ऊंटों का रूप संवारने का अच्छा खासा लाभ मिलता है. ऊंटों के बालों पर तरह-तरह की कटिंग करवाकर फूल-पत्ती, बेल-बूटे आदि उकेरे जाते हैं. सैलानियों को इस तरह के डिजाइन काफी पसंद आते हैं और इस तरह के कैमल सफारी उनकी पहली पसंद होते हैं. पूर्व में ऊंटों के इस तरह के सैलून नहीं होते थे, मगर विभिन्न पशु मेलों में इनका प्रचलन देखकर बाड़मेर और जैसलमेर में इस तरह के कैमल ब्यूटी पार्लर काफी संख्या में खुल गए हैं, जो रेगिस्तान के जहाज को संवारने का काम करते हैं. पूर्व में पशुपालक स्वयं ऊंटों के बाल काटते थे. ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पशुपालक एक स्थान पर एकत्रित हो जाते थे और ऊंटों के बाल काटते थे लेकिन अब आधुनिक ब्यूटी पार्लर खुल गए हैं जहां ऊंटों के विशेष डिजाइन से बाल काटे जाते हैं.
total state
आपका टोटल स्टेट
प्रिय साथियों, पिछले दो वर्षों से आपके अमूल्य सहयोग के द्वारा आपकी टोटल स्टेट दिन प्रतिदिन प्रगति की ओर अग्रसर है ये सब कुछ जो हुआ है आपकी बदौलत ही संभव हो सका है हम आशा करते हैं कि आपका ये प्रेम व उर्जा हमें लगातार उत्साहित करते रहेंगे पिछलेे नवंबर अंक में आपके द्वारा भेजे गये पत्रों ने हमें और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित किया व हमें हौसलां दिया इस बार दिसंबर अंक पर बहुत ही बढिय़ा लेख व आलेखों के साथ हम प्रस्तुत कर रहें हैं अपना अगला दिसंबर अंक आशा करते हैं कि आपको पसंद आएगा. इसी विश्वास के साथ
आपका
राजकमल कटारिया
आपका
राजकमल कटारिया
Search
Sunday, 21 November 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment